आज इन राशि के जातकों को मिलेगा व्यापार में लाभ, पढ़ें मेष से मीन तक की राशियों का भाग्यफल
डरावना सपना देखना कोई बीमारी नहीं है, लेकिन जब यह बार-बार हो, दिनभर काम करने की क्षमता कम करे, दिमाग में उसकी यादें बनी रहें या व्यक्ति सोने से ही डरने लगे, तब इसे नाइटमेयर डिसऑर्डर माना जाता है. ऐसे लोगों में अक्सर थकान, चिड़चिड़ापन, ध्यान की कमी, याददाश्त में कमी और बुरे सपनों का लगातार डर देखने को मिलता है. बच्चों में यह समस्या होने पर माता-पिता की नींद भी प्रभावित होती है.
क्या धूप में जाते ही सिर दर्द होने लगता है, यहां जानिए इसका कारण और बचाव के उपाय हाउ टू
हल्का भोजन करें: रात का खाना हल्का और पचने में आसान होना चाहिए। इसे जल्दी खाएं ताकि शरीर को आराम से पचाने का समय मिल सके।
सपने आना बहुत ही आम बात है. जब भी आप सोते हैं, तो आपको किसी न किसी तरह के सपने आते हैं.
पूरी रात सपने क्यों आते हैं और कब आते हैं?
खाना शुरू कर दें ये ब्लैक फूड्स, पूरी सर्दी बीमारियां रहेंगी दूर
Hindi Newsलाइफस्टाइल न्यूज़हेल्थhousehold therapies to prevent Repeated nightmares or check here undesirable dreams sick effects on health and fitness
यह खौफ का ऐसा मंजर होता है, जिसमें आप अपनी जान बचाने के लिए इधर उधर छिपते हैं.
पूरी रात सपने क्यों आते हैं, इस पर कई विशेषज्ञों का रुख बड़ा स्पष्ट है उनका कहना है कि सपने आने से हमे क्या फायदा होता हैं:
डरावने सपने अक्सर नकारात्मक बातों से जुड़े हुए होते हैं। ये सपने अक्सर व्यक्ति के मन में चिंता, उदासी या भय पैदा करने वाले होते हैं। ऐसे सपने व्यस्कों से ज्यादा बच्चों को ज्यादा आते हैं।
सपनो का आपकी नींद पर नकारात्मक असर पड़ता है, यही नहीं यह आपके मानसिक तनाव को भी बढ़ा सकता है। चित्र : अडॉबीस्टॉक
बुरे सपने कभी भी और किसी भी उम्र में सोने के बाद आ सकते हैं.
मानसिक तनाव और डिप्रेशन – बुरे सपनों की बड़ी वजह